मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) हमारे हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य दक्षिणायन होते है तो उस समय देवलोक में रात्रि और जब उत्तरायण होते हैं तब देवलोक में दिन होता है, मकर संक्रांति के दिन से सूर्यदेव के उत्तरायण होने पर खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं, इस दिन लोग खिचड़ी का सेवन करते हैं इस कारण इस पर्व को खिचड़ी भी कहा जाता है
भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, महाभारत युद्ध के समय जब भीष्म पितामह बाणों की शैय्या पर लेटे थे तब उन्होंने उस समय अपने शरीर का त्याग नहीं किया अपितु शरीर त्याग के लिये इसी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) के दिन का चयन किया था
सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे समय को संक्रांति कहते हैं साल में 12 संक्रांतियां होती हैं जिनमें से सबसे प्रमुख मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) होती है इस समय सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं इस दिन से सूर्य देव शनि की राशियों मकर और कुंभ में 2 महीने तक रहते हैं
इन दोनों पिता पुत्र में बैर होने के कारण इनका कोई भी कुप्रभाव हमारे ऊपर ना पड़े इसीलिए इस संक्रांति काल में स्नान दान व जाप हवन किया जाता है इस दिन किये गये धार्मिक क्रिया कलाप महा पुण्यदायी होते है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिल शनि की और गुड़ सूर्य की कारक वस्तु है यह इन दोनों के सेवन करने से दोनों ग्रहों की शुभता प्राप्त होती है इस कारण इस पर्व को तिल संक्रांति भी कहा जाता है
Makar Sankranti 2024 – मकर संक्रांति कब है :
प्रतिवर्ष मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस बार आप लोगों के मन में यह संशय है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनायें या 15 जनवरी को,
इस वर्ष भगवान सूर्य 14 जनवरी की रात्रि और 15 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व रात्रि में 2:54 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे अतः यह तो निश्चित है की मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा इसमें कोई संशय नहीं हैं,
इस दिन स्नान दान पूजन का प्रमुख शुभ मुहूर्त सुबह 6:45 से 8:33 तक होगा और इसका पुण्य काल सूर्यास्त तक अर्थात 5:29 तक होगा |
Makar Sankranti 2024 – मकर संक्रांति की पूजा विधि :
इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करके भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें, अर्घ्य देते समय सूर्योपनिषत में वर्णित
“ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकिरणाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्”
या
“ॐ आदित्याय नमः”
अर्घ्य देते समय इन दोनों मे से किसी एक का जाप करें, भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से तेज ओजस्विता में वृद्धि होती है और भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं अर्घ्य देने के पश्चात भगवान सूर्य का चंदन, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और दूर्वा से पूजा करें नैवेद्य में आप सूर्यदेव को खिचड़ी का भोग लगायें इसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र का पाठ अवश्य करें |
Makar Sankranti 2024 – मकर संक्रांति पर क्या दान क्या दें :
अब प्रश्न यह उठता है की इस महापर्व पर क्या दान दें, इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र ,अन्न और कम्बल का दान करने से सूर्य और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
यदि आप की जन्मपत्रिका में सूर्य ग्रह नीच का हो, त्रिक भावों में हो, या राहु-केतु के साथ हो तो इस दिन सूर्य ग्रह की शांति का उपाय अवश्य करें ताकि सूर्य ग्रह की शुभता प्राप्त हो सके|
यदि आप किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान न कर सकें तो अपने घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें, इस मकर संक्राति के महापर्व पर भगवान सूर्य की पूजा आराधना करना महा फलदाई होता है, इस दिन स्नान दान पूजन करके भगवान सूर्य और शनिदेव की कृपा प्राप्त करें|
मांगलिक दोष क्या है और उसका प्रभावी अचूक उपाय
नवग्रह शान्ति विधि
रुद्राक्ष धारण करने से लाभ व धारण विधि
रुद्राक्ष धारण करें अपने नक्षत्र के अनुसार
यदि आप अपनी कुण्डली के अनुसार अपना भविष्य जानना चाहते है या किसी विशेष प्रश्न का ज्योतिषीय हल चाहते है तो एस्ट्रोरुद्राक्ष के ज्योतिषी से अभी परामर्श लें…