narsingh rin mochan stotra

Narsingh Rin Mochan Stotra

आज के इस भौतिक युग में अधिकांश लोगों को किसी न किसी रूप में ऋण लेना ही पड़ जाता है और इस धन से व्यक्ति अपना मनोरथ सिद्ध कर लेता है जिससे जीवन बहुत आसान हो जाता है परन्तु किसी कारण से जब इसी ऋण की अदायगी नहीं हो पाती है तो परिस्थितियाँ कष्टकर हो जाती हैं |

अब इन परिस्थितियों से उबरने के लिये दैवीय सहायता की आवश्यकता पड़ती है, हमारे वेद-पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में कर्ज से मुक्त होने के अनेकों मन्त्र और स्तोत्र बताए गये है उनमे से से एक स्तोत्र ऐसा है जो थोड़ा कम प्रचलित है परन्तु इसका प्रभाव अत्यंत तीव्र है उसका नाम है “ नृसिंह ऋणमोचन स्तोत्र” |

यह स्तोत्र विष्णु अवतार श्री नृसिंह भगवान से सम्बन्धित है इस स्तोत्र के माध्यम से श्री नृसिंह भगवान को प्रसन्न कर ऋण मुक्ति का मनोरथ पूरा करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, इस स्तोत्र के पाठ से आप के ऊपर चाहे कितना भी अधिक ऋण क्यों न हो इस कर्ज के चक्रव्यूह से बाहर निकल आते हैं |

इस स्तोत्र के पाठ के प्रभाव से आय के स्रोत में वृद्धि होती है, इसके पाठ से माता लक्ष्मी और भगवान नृसिंह के संयुक्त आशीर्वाद का वरप्रसाद मिलता है |

इस स्तोत्र का पाठ नृसिंह जयन्ती, किसी भी एकादशी या गुरुवार से प्रारंभ किया जाता है,

नृसिंह जयन्ती – 4 मई 2023

पाठ विधि :

इस स्तोत्र का लाभ लेने के लिये पहले इसे चैतन्य करना होता है, इसे चैतन्य करने के लिये आप  5,7,11,21 या 41 दिन की अवधि में इस स्तोत्र का एक हजार पाठ करें और फिर जब तक मनोवांछित लाभ न मिले या कर्ज मुक्ति न हो जाये तब तक इस स्तोत्र का यथा शक्ति नियमित रूप से प्रतिदिन पाठ करते रहें, भगवान नृसिंह की कृपा अवश्य होगी |

इसके लिये निम्न सामग्रियों की आवश्यकता होती है –

1.भगवान नृसिंह का चित्र या मूर्ति,  2.पीला कपड़ा ½ मीटर, 3.कुंकुम, 4. चन्दन, 5. धूप, 6. घी का दीपक, 7. नैवेद्य, 8. पुष्प, 9. तुलसी दल, 10. गंगा जल

आप भगवान नृसिंह का जो भी चित्र या मूर्ति स्थापित करें उस चित्र या मूर्ति में माता लक्ष्मी भी होनी चाहिये ये अवश्य ध्यान रखें |

यदि भगवान नृसिंह की मूर्ति आपके पास हो तो उसे गंगा जल युक्त जल से स्नान करा दें या चित्र हो तो चित्र को साफ कपड़े को गंगा जल से भिगोकर पोंछ दें, अब इस चित्र या मूर्ति को पीले कपड़े पर स्थापित कर दें, चित्र या मूर्ति को स्थापित करने के बाद भगवान नृसिंह का ध्यान करें –

ध्यान –

माणिक्यादि समप्रभं निजरुजा सन्त्रस्य रक्षोगणं,

जानुन्यस्त कराम्बुजम् त्रिनयनम् रत्नोल्लसद् भूषणम् |

बाहुभ्यां धृतशङ्खचक्र मनिशं दंष्ट्रोग्र वक्त्रोज्ज्वलं,

ज्वालाजिह्व मुदग्र केश निवहं वन्दे नृसिंहं विभुम् ||

पूजा –

ध्यान के पश्चात भगवान नृसिंह का पंचोपचार पूजन करें, पंचोपचार अर्थात गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य से पूजन किया जाता है | 

  1. ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: गन्धं समर्पयामी | ( भगवान नृसिंह को चन्दन का और माता लक्ष्मी को कुंकुम का तिलक करें )
  2. ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: पुष्पं समर्पयामी | ( पुष्प अर्पित करें )
  3. ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: धूपमाघ्रापयामि | ( धूप दिखायें )
  4. ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: दीपं दर्शयामि | ( दीप दिखायें )
  5. ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: नैवेद्यं निवेदयामि | ( नैवेद्य अर्पित करें )    

नृसिंह ऋण मोचन स्तोत्र (Narsingh Rin Mochan Stotra) –

देवताकार्य सिद्ध्यर्थं सभास्तम्भ समुद्भवम् ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ १॥

लक्ष्म्यालङ्गित वामाङ्गं भक्तानां वरदायकम्  ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ २॥

अन्त्रमालाधरं शङ्खचक्राब्जायुध धारिणम् ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ३॥

स्मरणात्सर्वपापघ्नं कत्रुजं विषनाशनम् ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ४॥

सिंहनादेन महता दिग्दन्ति भयनाशनम् ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ५॥

प्रह्लाद वरदं श्रीशं दैतेश्वर विदारणम् ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ६॥

क्रूरग्रहैः पीड़ितानां भक्तानाम् अभयप्रदम्  ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये॥ ७॥

वेद वेदान्त यज्ञेशं ब्रह्म रुद्रादिवंदितम्   ।

श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॐ ॥ ८॥

यः इदं पठेत्  नित्यं ऋणमोचन  संज्ञितम् ।

अनृणी जायते सद्यो धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ॥ ९॥

॥ इति श्रीनृसिंहपुराणे ऋणमोचनस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

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