रुद्राक्ष -

एकमुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि एक मुखी रुद्राक्ष को आदिदेव भगवान शिव का प्रत्यक्ष वरदान कहा गया है ,एक मुखी रुद्राक्ष को सभी रुद्राक्ष का शिरोमणि कहा गया
दो मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि दो मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर दो धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर का प्रतीक माना
तीन मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : तीन मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर तीन धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को अग्नि का प्रतीक
चार मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : चार मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर चार धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को श्रृष्टि रचयिता भगवान
पांच मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : पांच मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर पांच धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को कालाग्नि रुद्र का
छह मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : छह मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर छह धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का
सात मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : सात मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर सात धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को सप्त मातृकाओं एवं
आठ मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : आठ मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर आठ धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को ब्रहमाण्ड के अग्रपूज्य
नौ मुखी रुद्राक्ष की महिमा व धारण विधि : नौ मुखी रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से इसकी सतह पर नौ धारियां पायी जाती है, इस रुद्राक्ष को माता भगवती नौ
कौन सा रुद्राक्ष पहने – नक्षत्र के अनुसार
आपके नक्षत्र के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष पहनें इसका विस्तृत वर्णन प्रत्येक नक्षत्र के अनुसार दिया गया है, नक्षत्र के हर एक चरण के अनुसार भी कौन सा रुद्राक्ष आपके अनुकूल है इसका भी वर्णन है…