त्यौहार व पर्व

Makar Sankranti 2024 – मकर संक्रांति 2024 : महत्व, कब है, पूजा विधि और क्या दान करें

मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) हमारे हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य दक्षिणायन होते है तो उस समय देवलोक में रात्रि और जब उत्तरायण होते हैं तब देवलोक में दिन होता है, मकर संक्रांति के दिन से सूर्यदेव के उत्तरायण होने पर खरमास

विस्तृत विवरण »»»

सरस्वती पूजा Saraswati Puja

सरस्वती पूजा (Saraswati Puja ) सरस्वती पूजा – बसन्त पञ्चमी 2024 : Saraswati Puja सरस्वती पूजा Saraswati puja के तहत माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पञ्चमी का पर्व मनाया जाता है, इसी दिन माता सरस्वती अवतरित हुई थी इस कारण शास्त्रों में इस दिन को

विस्तृत विवरण »»»

सप्तशती के अमोघ प्रयोग

नवरात्र यानि दुर्गा पूजा (Durga puja) के इस पर्व पर किये जाने वाले सप्तशती के पाठ से सनातन धर्मं के सभी लोग अच्छी तरह से अवगत है शायद ही कोई सनातन धर्मी होगा जो इस नवरात्र पर्व यानि दुर्गा पूजा (Durga puja) की महत्ता एवं चण्डी पाठ की महत्ता को न

विस्तृत विवरण »»»

कलश स्थापना मुहूर्त एवं विधि ( Kalash sthapana muhurt evam vidhi )

कलश स्थापना विधि एवं मुहूर्त  (Kalash sthapana vidhi evam muhurt ) सनातन जीवन पद्धति में नवरात्र का शक्ति उपासना के क्षेत्र में सर्वाधिक महत्व है, माता की आराधना के लिये यह नौ दिन का समय अत्यंत ही शुभ एवं शक्तिमय माना जाता है, यह समय अपने आप को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करने का अद्भुत समय है, इस

विस्तृत विवरण »»»

होलिकादहन के कृत्य, मुहूर्त व 5 अमोघ लघु प्रयोग

Holikadahan Muhurt 2024  विषय सूची होली का महत्व- होली का पर्व दो ऋतुओं के मध्य में मनाया जाता है इसका भारतीय परिपेक्ष्य में सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, होली का पर्व सामाजिक एकता व सद्भावना का प्रतीक भी है | होलिकादहन की रात्रि को महारात्रि की संज्ञा दी गई

विस्तृत विवरण »»»

होलाष्टक का महत्व – Holashtak 2024

होलाष्टक ( Holashtak) शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों के मेल से हुई है पहला “होली” और “दूसरा अष्टक अर्थात आठ”, होलीका दहन से लेकर आठ दिन पूर्व ( फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक ) के समय को होलाष्टक (Holashtak) काल कहते है, इस वर्ष होलाष्टक की

विस्तृत विवरण »»»