narsingh rin mochan stotra

narsingh rin mochan stotra – नृसिंह ऋणमोचन स्तोत्र

narsingh rin mochan stotra – नृसिंह ऋणमोचन स्तोत्र : आज के इस भौतिक युग में अधिकांश लोगों को किसी न किसी रूप में ऋण लेना ही पड़ जाता है और इस धन से व्यक्ति अपना मनोरथ सिद्ध कर लेता है जिससे जीवन बहुत आसान हो जाता है परन्तु किसी कारण से जब इसी ऋण की अदायगी…

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Bagalasukta

अथर्ववेदीय बगलासूक्त

बगलासूक्त (bagalasukta) : हम सभी माता श्री बगलामुखी के बारे में जानते हैं की माता अपने उपासकों को शत्रुओं से सुरक्षित रखतीं है, शुद्ध मन से उपासना करने पर चाहे कैसा भी शत्रु हो गुप्त या प्रकट में हो, आन्तरिक हो या वाह्य हो सभी से साधक सुरक्षित रहता है, माता की कृपा सर्वत्र प्राप्त…

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शनि अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् – Shani Stotra

शनि अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (shani stotra 108 naam) – शनैश्चराय शान्ताय सर्वाभीष्टप्रदायिने । शरण्याय वरेण्याय सर्वेशाय नमो नमः ॥ १॥ सौम्याय सुरवन्द्याय सुरलोकविहारिणे । सुखासनोपविष्टाय सुन्दराय नमो नमः ॥ २॥ घनाय घनरूपाय घनाभरणधारिणे । घनसारविलेपाय खद्योताय नमो नमः ॥ ३॥ मन्दाय मन्दचेष्टाय महनीयगुणात्मने । मर्त्यपावनपादाय महेशाय नमो नमः ॥ ४॥ छायापुत्राय शर्वाय शरतूणीरधारिणे । चरस्थिरस्वभावाय चञ्चलाय नमो…

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राहु अष्टोत्तरशतनामावली

राहु अष्टोत्तरशतनामावली ॐ राहवे नमः । ॐ सैंहिकेयाय नमः । ॐ विधुन्तुदाय नमः । ॐ सुरशत्रवे नमः । ॐ तमसे नमः । ॐ फणिने नमः । ॐ गार्ग्यायनाय नमः । ॐ सुरापिने नमः । ॐ नीलजीमूतसङ्काशाय नमः । ॐ चतुर्भुजाय नमः । ॐ खड्गखेटकधारिणे नमः । ॐ वरदायकहस्तकाय नमः । ॐ शूलायुधाय नमः । ॐ…

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गणपति अथर्वशीर्ष की पाठ विधि एवं लाभ – Authentic Ganpati Atharvashirsha

विषय सूची गणपति अथर्वशीर्ष ( Ganpati atharvashirsha) विघ्नहर्ता भगवान गणेश के गणपति अथर्वशीर्ष (ganpati atharvashirsha) को सभी अथर्वशीर्ष का शिरोमणि माना जाता है, इसका वर्णन अथर्ववेद में मिलता है इस अथर्वशीर्ष का वर्ण विन्यास बहुत ही अद्भुत तरीके का है इसके लयबद्ध पाठ से मन प्रफुल्लित हो जाता है और भगवान गणपति को यह अथर्वशीर्ष सर्वाधिक…

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चन्द्र अष्टोत्तर शतनामावली

चन्द्र बीज मन्त्र – ॐ श्राँ श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः ॥   श्रीमान् शशधरश्चन्द्रो ताराधीशो निशाकरः । सुधानिधिः सदाराध्यः सत्पतिः साधुपूजितः ॥ १॥ जितेन्द्रियो जगद्योनिः ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकः । विकर्तनानुजो वीरो विश्वेशो विदुषाम्पतिः ॥ २॥ दोषाकरो दुष्टदूरः पुष्टिमान् शिष्टपालकः । अष्टमूर्तिप्रियोऽनन्त कष्टदारुकुठारकः ॥ ३॥ स्वप्रकाशः प्रकाशात्मा द्युचरो देवभोजनः । कळाधरः कालहेतुः कामकृत्कामदायकः ॥ ४॥ मृत्युसंहारकोऽमर्त्यो नित्यानुष्ठानदायकः…

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|| चन्द्रकवचम् ||

श्रीगणेशाय नमः । अस्य श्रीचन्द्रकवचस्तोत्रमन्त्रस्य गौतम् ऋषिः । अनुष्टुप् छन्दः , श्रीचन्द्रो देवता , चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः । समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् । वासुदेवस्य नयनं शङ्करस्य च भूषणम् ॥ १॥ एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् । शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २॥ चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः । प्राणं क्षपाकरः पातु…

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चन्द्र अष्टोत्तर शतनाम

 चन्द्र बीज मन्त्र – ॐ श्राँ श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः । ॐ श्रीमते नमः । ॐ शशधराय नमः । ॐ चन्द्राय नमः । ॐ ताराधीशाय नमः । ॐ निशाकराय नमः । ॐ सुखनिधये नमः । ॐ सदाराध्याय नमः । ॐ सत्पतये नमः । ॐ साधुपूजिताय नमः । ॐ जितेन्द्रियाय नमः । १० ॐ जयोद्योगाय…

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॥ श्रीसूर्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ॥

सूर्य बीज मन्त्र – ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥ अरुणाय शरण्याय करुणारससिन्धवे । असमानबलायाऽर्तरक्षकाय नमो नमः ॥ १॥ आदित्यायाऽदिभूताय अखिलागमवेदिने । अच्युतायाऽखिलज्ञाय अनन्ताय नमो नमः ॥ २॥ इनाय विश्वरूपाय इज्यायैन्द्राय भानवे । इन्दिरामन्दिराप्ताय वन्दनीयाय ते नमः ॥ ३॥ ईशाय सुप्रसन्नाय सुशीलाय सुवर्चसे । वसुप्रदाय वसवे वासुदेवाय ते नमः ॥ ४॥ उज्ज्वलायोग्ररूपाय ऊर्ध्वगाय…

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