ketu yantra

केतु शान्ति विधि

केतु शान्ति विधि जब कुण्डली में केतु अशुभ हो, शत्रुक्षेत्री हो, अकारक हो, केतु किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो, गोचर में केतु अशुभ प्रभाव दे रहा हो अथवा केतु की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो तो केतु की शान्ति करनी चाहिए | किसी भी शनिवार या…

Read More
shani shanti vidhi

शनि शान्ति विधि – shani shanti vidhi

शनि शान्ति विधि – shani shanti vidhi :- वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है और उसका प्रभाव व्यक्ति के धैर्य, संयम और कर्मों पर पड़ता है। शनि ग्रह की ढैय्या, साढ़े साती या महादशा के दौरान व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सही तरीके से शनि शान्ति विधि…

Read More
Shukra Shanti Vidhi

शुक्र शान्ति विधि – Shukra Shanti Vidhi

शुक्र शान्ति विधि -Shukra Shanti Vidhi शुक्र शान्ति विधि (Shukra Shanti Vidhi) की आवश्यकता तब पड़ती है जब कुण्डली में शुक्र नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, अष्टम् भाव में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, अकारक हो, शुक्र  किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा शुक्र की दशा चल रही हो और उसका…

Read More
brihaspati shanti vidhi

बृहस्पति शान्ति विधि

बृहस्पति शान्ति विधि (brihaspati shanti vidhi) – जब कुण्डली में बृहस्पति नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, त्रिक में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, अकारक हो, बृहस्पति  किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा बृहस्पति की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो तो बृहस्पति की शान्ति करनी चाहिए,…

Read More
budha yantra

बुध शान्ति विधि

बुध शान्ति विधि जब कुण्डली में बुध नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, त्रिक में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, अकारक हो, बुध किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा बुध की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो तो बुध की शान्ति करनी चाहिए | किसी भी बुधवार…

Read More
mangal yantra

मंगल शान्ति विधि

मंगल शान्ति विधि जब कुण्डली में मंगल नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, त्रिक में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, अकारक हो, मांगलिक दोष हो, मंगल किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा मंगल की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो तो मंगल की शान्ति करनी चाहिए |…

Read More
chandra yantra

चन्द्र शान्ति विधि

चन्द्र शान्ति विधि जब कुण्डली में चन्द्रमा नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, त्रिक में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, पक्ष बलि न हो ( मुख्यतः सूर्य से 72 अंश के अन्दर हो ), अकारक हो, किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा चन्द्र की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल…

Read More
surya shanti

सूर्य शान्ति विधि – surya shanti

सूर्य शान्ति विधि (surya shanti) सूर्य शान्ति (surya shanti) विधि तब करना चाहिए जब कुण्डली में सूर्य नीच का हो, शत्रुक्षेत्री हो, त्रिक में हो, पाप ग्रहों से प्रभावित हो, अकारक हो, किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो अथवा सूर्य की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो |…

Read More