Astro Rudraksha

कौन सा रुद्राक्ष पहने – नक्षत्र के अनुसार

आपके नक्षत्र के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष पहनें इसका विस्तृत वर्णन प्रत्येक नक्षत्र के अनुसार दिया गया है, नक्षत्र के हर एक चरण के अनुसार भी कौन सा रुद्राक्ष आपके अनुकूल है इसका भी वर्णन है…

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शनि अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् – Shani Stotra

शनि अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (shani stotra 108 naam) – शनैश्चराय शान्ताय सर्वाभीष्टप्रदायिने । शरण्याय वरेण्याय सर्वेशाय नमो नमः ॥ १॥ सौम्याय सुरवन्द्याय सुरलोकविहारिणे । सुखासनोपविष्टाय सुन्दराय नमो नमः ॥ २॥ घनाय घनरूपाय घनाभरणधारिणे । घनसारविलेपाय खद्योताय नमो नमः ॥ ३॥ मन्दाय मन्दचेष्टाय महनीयगुणात्मने । मर्त्यपावनपादाय महेशाय नमो नमः ॥ ४॥ छायापुत्राय शर्वाय शरतूणीरधारिणे । चरस्थिरस्वभावाय चञ्चलाय नमो…

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सप्तशती के अमोघ प्रयोग

नवरात्र यानि दुर्गा पूजा (Durga puja) के इस पर्व पर किये जाने वाले सप्तशती के पाठ से सनातन धर्मं के सभी लोग अच्छी तरह से अवगत है शायद ही कोई सनातन धर्मी होगा जो इस नवरात्र पर्व यानि दुर्गा पूजा (Durga puja) की महत्ता एवं चण्डी पाठ की महत्ता को न जानता हो, माता दुर्गा व…

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कलश स्थापना मुहूर्त एवं विधि ( Kalash sthapana muhurt evam vidhi )

कलश स्थापना विधि एवं मुहूर्त  (Kalash sthapana vidhi evam muhurt ) सनातन जीवन पद्धति में नवरात्र का शक्ति उपासना के क्षेत्र में सर्वाधिक महत्व है, माता की आराधना के लिये यह नौ दिन का समय अत्यंत ही शुभ एवं शक्तिमय माना जाता है, यह समय अपने आप को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करने का अद्भुत समय है, इस समय का लाभ हमें अवश्य…

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होलिकादहन के कृत्य, मुहूर्त व 5 अमोघ लघु प्रयोग

Holikadahan Muhurt 2024  विषय सूची होली का महत्व- होली का पर्व दो ऋतुओं के मध्य में मनाया जाता है इसका भारतीय परिपेक्ष्य में सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, होली का पर्व सामाजिक एकता व सद्भावना का प्रतीक भी है | होलिकादहन की रात्रि को महारात्रि की संज्ञा दी गई है इस महारात्रि के साधनात्मक…

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होलाष्टक का महत्व – Holashtak 2024

होलाष्टक ( Holashtak) शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों के मेल से हुई है पहला “होली” और “दूसरा अष्टक अर्थात आठ”, होलीका दहन से लेकर आठ दिन पूर्व ( फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक ) के समय को होलाष्टक (Holashtak) काल कहते है, इस वर्ष होलाष्टक की अवधि 17 मार्च 2024 से…

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राहु अष्टोत्तरशतनामावली

ॐ राहवे नमः । ॐ सैंहिकेयाय नमः । ॐ विधुन्तुदाय नमः । ॐ सुरशत्रवे नमः । ॐ तमसे नमः । ॐ फणिने नमः । ॐ गार्ग्यायनाय नमः । ॐ सुरापिने नमः । ॐ नीलजीमूतसङ्काशाय नमः । ॐ चतुर्भुजाय नमः । ॐ खड्गखेटकधारिणे नमः । ॐ वरदायकहस्तकाय नमः । ॐ शूलायुधाय नमः । ॐ मेघवर्णाय नमः…

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गणपति अथर्वशीर्ष की पाठ विधि एवं लाभ – Authentic Ganpati Atharvashirsha

विषय सूची गणपति अथर्वशीर्ष ( Ganpati atharvashirsha) विघ्नहर्ता भगवान गणेश के गणपति अथर्वशीर्ष (ganpati atharvashirsha) को सभी अथर्वशीर्ष का शिरोमणि माना जाता है, इसका वर्णन अथर्ववेद में मिलता है इस अथर्वशीर्ष का वर्ण विन्यास बहुत ही अद्भुत तरीके का है इसके लयबद्ध पाठ से मन प्रफुल्लित हो जाता है और भगवान गणपति को यह अथर्वशीर्ष सर्वाधिक…

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ketu yantra

केतु शान्ति विधि

केतु शान्ति विधि जब कुण्डली में केतु अशुभ हो, शत्रुक्षेत्री हो, अकारक हो, केतु किसी भी प्रकार से कष्ट दे रहा हो, गोचर में केतु अशुभ प्रभाव दे रहा हो अथवा केतु की दशा चल रही हो और उसका अशुभ फल मिल रहा हो तो केतु की शान्ति करनी चाहिए | किसी भी शनिवार या…

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